
दुर्गा पूजा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि एक विशाल सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन है, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और दुनियाभर के बंगाली समुदायों के लिए। इस अवसर पर हर कोई अपने-अपने अंदाज़ में इस उत्सव का आनंद लेता है। अगर ध्यान दें, तो दुर्गा पूजा के दौरान लोग पाँच रंग-बिरंगे और जोशभरे समूहों में बँट जाते हैं:
दुर्गा पूजा के दौरान लोगों के पाँच समूह
1️⃣ भक्तजन (The Devotees)
ये वे लोग होते हैं जो हर दिन अंजलि से अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं, हर आरती में शामिल होते हैं, अष्टमी का व्रत रखते हैं और मां दुर्गा का नाम जपते रहते हैं। इनके लिए पूजा-पाठ, मंत्रोच्चारण और माँ दुर्गा से आशीर्वाद लेना ही जीवन का मुख्य उद्देश्य होता है।
2️⃣ पंडाल घूमने वाले (The Pandal Hoppers)
इनके लिए दुर्गा पूजा का मतलब है एक से बढ़कर एक सजे हुए पंडालों की सैर। सुबह से लेकर आधी रात तक ये लोग शहर के कोने-कोने में थीम, लाइटिंग और प्रतिमाओं का आनंद लेते हैं। हर पंडाल पर सेल्फ़ी और ग्रुपफ़ी लेना तो अनिवार्य होता है!
3️⃣ खाने-पीने के शौकीन (The Foodies)
दुर्गा पूजा की असली जान यही लोग होते हैं। हर खाने के स्टॉल पर इनकी मौजूदगी तय होती है। फुचका, रोल, मुगलई पराठा, मिष्टी दोई से लेकर हर बंगाली स्वाद का भरपूर लुत्फ उठाते हैं। इनके लिए दुर्गा पूजा एक स्वादिष्ट खाने का महोत्सव है।
4️⃣ फैशन प्रेमी (The Fashionistas)
इनके लिए दुर्गा पूजा साल की सबसे बड़ी फैशन शो होती है। हर पूजा दिन के लिए नया आउटफिट, मैचिंग एक्सेसरीज़ और लेटेस्ट हेयर स्टाइल के साथ ये लोग हर अष्टमी अंजलि और ढाक की ताल पर स्टाइल में नजर आते हैं।
5️⃣ सांस्कृतिक प्रेमी (The Cultural Enthusiasts)
ये लोग पूजा के दौरान ढाक की धुन, धुनुची नृत्य, नाटक, गीत-संगीत और शाम की अड्डा (गप्पबाजी) में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इनके लिए दुर्गा पूजा पूजा-अर्चना के साथ-साथ कला, संस्कृति और सामूहिक मेलजोल का उत्सव भी है।
अंत में कहा जाए तो
दुर्गा पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक ऐसा उत्सव है, जो भक्ति, स्वाद, कला, फैशन और दोस्ती को एक साथ जीने का मौका देता है। तो इस साल आप किस समूह में हैं?