मेष (Aries): आज नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। आत्मविश्वास से सफलता मिलेगी।
कर्क (Cancer): थोड़ा तनाव रह सकता है। धैर्य से काम लें, समय बेहतर होगा।
सिंह (Leo): प्रेम जीवन में सुधार आएगा। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा।
कन्या (Virgo): स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।
तुला (Libra): व्यवसाय में लाभ होगा। पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं।
वृश्चिक (Scorpio): कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यों में तेजी आएगी।
धनु (Sagittarius): यात्रा लाभदायक रहेगी। नई योजनाओं में सफलता मिल सकती है।
मकर (Capricorn): वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।
कुंभ (Aquarius): सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी।
मीन (Pisces): मन प्रसन्न रहेगा। नौकरी या व्यापार में लाभ के योग हैं।
मेष (Aries): आज नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। आत्मविश्वास से सफलता मिलेगी।
कर्क (Cancer): थोड़ा तनाव रह सकता है। धैर्य से काम लें, समय बेहतर होगा।
सिंह (Leo): प्रेम जीवन में सुधार आएगा। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा।
कन्या (Virgo): स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।
तुला (Libra): व्यवसाय में लाभ होगा। पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं।
वृश्चिक (Scorpio): कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यों में तेजी आएगी।
धनु (Sagittarius): यात्रा लाभदायक रहेगी। नई योजनाओं में सफलता मिल सकती है।
मकर (Capricorn): वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।
कुंभ (Aquarius): सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी।
मीन (Pisces): मन प्रसन्न रहेगा। नौकरी या व्यापार में लाभ के योग हैं।
श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन उत्तराखंड के पवित्र और रमणीय क्षेत्र, ब्लॉक पिल्ला अल्मोड़ा, स्यालदे के ग्राम सभा में स्थित एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह फाउंडेशन न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए विभिन्न सेवा कार्य भी करता है।
मंदिर परिसर में भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ फाउंडेशन के तहत जरूरतमंदों को सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और धार्मिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आध्यात्मिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है।
श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन के मार्गदर्शन में मंदिर में प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है। यहाँ विशेष रूप से निम्नलिखित धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं:
भगवान शिव की विशेष पूजा, जिसमें दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक किया जाता है।
Read Moreइस पावन पर्व पर हजारों श्रद्धालु यहाँ एकत्र होते हैं और भव्य शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन
Read Moreसावन के महीने में हर सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा एवं रुद्राभिषेक किया जाता
Read Moreप्रतिदिन सुबह और शाम की आरती के दौरान भक्तजन शिव भक्ति में लीन होते हैं।
Read Moreफाउंडेशन द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहाँ नि:शुल्क चिकित्सा जांच, दवा वितरण और विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सलाह दी जाती है।
श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन के मार्गदर्शन में मंदिर में प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है। यहाँ विशेष रूप से निम्नलिखित धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं:
मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू (स्वतः उत्पन्न) माना जाता है और इसकी दिव्यता भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है।
मंदिर चारों ओर से हरियाली और पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
मंदिर परिसर में *फाउंडेशन* द्वारा एक सेवा केंद्र भी संचालित किया जाता है, जहाँ जरूरतमंदों को चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक सहायता दी जाती है।
मंदिर प्रशासन भक्तों की सुविधा हेतु विभिन्न व्यवस्थाएँ प्रदान करता है:
शिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और आध्यात्मिक पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि विशेष महत्व रखती है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करते हैं। शिव पुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भक्तजन इस दिन रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर मोक्ष, सुख और शांति की कामना करते हैं।
सावन मास हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित अत्यंत पावन माह माना जाता है। इस मास में भक्त विशेष रूप से शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, फल-फूल आदि अर्पित करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखा जाता है और शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक व शिव महिमा का गुणगान किया जाता है। कांवड़ यात्रा भी इसी माह में होती है, जिसमें भक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मास में की गई पूजा और उपवास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक पवित्र और विशेष पर्व है, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन देवता पृथ्वी पर दीप जलाते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, व्रत और भगवान विष्णु तथा भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। वाराणसी सहित कई तीर्थ स्थलों पर दीपों से घाटों को सजाया जाता है। लोग मंदिरों में दर्शन कर, दान-पुण्य कर और भजन-कीर्तन करके इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं।
नाग पंचमी हिंदू धर्म में नाग देवताओं की पूजा का पावन पर्व है, जो श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग नागों की पूजा कर उन्हें दूध, धूप, चावल, फूल और मीठा अर्पित करते हैं। घरों की दीवारों पर नाग चित्र बनाकर पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर पूजा करने से सर्प दोष, कालसर्प योग और सर्प भय से मुक्ति मिलती है। यह पर्व प्रकृति, जीव-जंतुओं और नाग देवता के प्रति आभार और श्रद्धा प्रकट करने का प्रतीक है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन मेलों का आयोजन भी होता है।