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श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर - प्राचीन शिव धाम

श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर एक प्राचीन शिव धाम है, जहाँ भक्तों को दिव्य शांति और आस्था का अनुभव होता है। यह मंदिर ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। भगवान शिव के मंदिर निर्माण हेतु आपका दान पुण्य का कार्य है। आइए, मिलकर शिवधाम की स्थापना में सहयोग करें और पुण्य के भागी बनें। हर हर महादेव!

आज का राशिफल

मेष (Aries): आज नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। आत्मविश्वास से सफलता मिलेगी।

कर्क (Cancer): थोड़ा तनाव रह सकता है। धैर्य से काम लें, समय बेहतर होगा।

सिंह (Leo): प्रेम जीवन में सुधार आएगा। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा।

कन्या (Virgo): स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।

तुला (Libra): व्यवसाय में लाभ होगा। पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं।

वृश्चिक (Scorpio): कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यों में तेजी आएगी।

धनु (Sagittarius): यात्रा लाभदायक रहेगी। नई योजनाओं में सफलता मिल सकती है।

मकर (Capricorn): वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।

कुंभ (Aquarius): सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी।

मीन (Pisces): मन प्रसन्न रहेगा। नौकरी या व्यापार में लाभ के योग हैं।

मेष (Aries): आज नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। आत्मविश्वास से सफलता मिलेगी।

कर्क (Cancer): थोड़ा तनाव रह सकता है। धैर्य से काम लें, समय बेहतर होगा।

सिंह (Leo): प्रेम जीवन में सुधार आएगा। कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान मिलेगा।

कन्या (Virgo): स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पुराने विवाद सुलझ सकते हैं।

तुला (Libra): व्यवसाय में लाभ होगा। पारिवारिक जिम्मेदारियाँ बढ़ सकती हैं।

वृश्चिक (Scorpio): कोई शुभ समाचार मिल सकता है। कार्यों में तेजी आएगी।

धनु (Sagittarius): यात्रा लाभदायक रहेगी। नई योजनाओं में सफलता मिल सकती है।

मकर (Capricorn): वित्तीय स्थिति मजबूत होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा।

कुंभ (Aquarius): सामाजिक कार्यों में भाग लेंगे। रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी।

मीन (Pisces): मन प्रसन्न रहेगा। नौकरी या व्यापार में लाभ के योग हैं।

दैनिक पंचांग - विक्रम संवत 2082

आज का पंचांग (20 अप्रैल 2025)

☀️ शुभ मुहूर्त

☠️ अशुभ समय

परिचय

आध्यात्मिकता और भक्ति का पावन केंद्र

श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन उत्तराखंड के पवित्र और रमणीय क्षेत्र, ब्लॉक पिल्ला अल्मोड़ा, स्यालदे के ग्राम सभा में स्थित एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। यह फाउंडेशन न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि सामाजिक उत्थान के लिए विभिन्न सेवा कार्य भी करता है।

मंदिर परिसर में भगवान शिव की आराधना के साथ-साथ फाउंडेशन के तहत जरूरतमंदों को सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और धार्मिक ज्ञान प्रदान किया जाता है। श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन का उद्देश्य समाज के हर वर्ग को आध्यात्मिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना है।

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास अति प्राचीन है। यह मंदिर सदियों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहा है। धार्मिक ग्रंथों और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यह स्थान तपस्वियों और ऋषियों की साधना स्थली रहा है। ऐसा माना जाता है कि स्वयं भगवान शिव ने इस स्थान को अपनी दिव्यता से पावन किया था।
फाउंडेशन का उद्देश्य
श्री उत्पतेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन का उद्देश्य धार्मिक जागरूकता के साथ-साथ समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा का प्रचार करना है। *फाउंडेशन* नियमित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर, शिक्षा कार्यक्रम और महिला सशक्तिकरण अभियान संचालित करता है।

मंदिर में पूजन एवं धार्मिक अनुष्ठान

श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन के मार्गदर्शन में मंदिर में प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है। यहाँ विशेष रूप से निम्नलिखित धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं:

0 1

पूजा एवं हवन सेवा

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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0 2

कुंडली और हस्तरेखा सेवाएं

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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0 3

जागरण और कीर्तन सेवाएं

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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0 4

श्रावण मास की विशेष पूजा

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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0 5

नवरात्रि अनुष्ठान

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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0 6

मंगल आरती एवं भजन संध्या

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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फाउंडेशन द्वारा सामाजिक सेवाएँ

शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण

श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों और महिलाओं को शिक्षा प्रदान करता है। फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे विद्यालयों में बच्चों को धार्मिक और आधुनिक शिक्षा दोनों दी जाती हैं।

स्वास्थ्य सेवाएँ और चिकित्सा शिविर

फाउंडेशन द्वारा समय-समय पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है, जहाँ नि:शुल्क चिकित्सा जांच, दवा वितरण और विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा सलाह दी जाती है।

गरीबों और जरूरतमंदों के लिए सहायता

फाउंडेशन ने कई ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और आवश्यक वस्त्र वितरित करने के लिए कई सामाजिक कार्यक्रम शुरू किए हैं।

मंदिर में पूजन एवं धार्मिक अनुष्ठान

श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन के मार्गदर्शन में मंदिर में प्रतिदिन नियमित रूप से पूजा-अर्चना होती है। यहाँ विशेष रूप से निम्नलिखित धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं:

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पूजा एवं हवन सेवा

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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पूजा एवं हवन सेवा

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कुंडली और हस्तरेखा सेवाएं

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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जागरण और कीर्तन सेवाएं

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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श्रावण मास की विशेष पूजा

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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नवरात्रि अनुष्ठान

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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मंगल आरती एवं भजन संध्या

इस दौरान देवी पार्वती एवं भगवान शिव की आराधना की जाती है।

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मंगल आरती एवं भजन संध्या

मंदिर की विशेषताएँ

दिव्य शिवलिंग

मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू (स्वतः उत्पन्न) माना जाता है और इसकी दिव्यता भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है।

प्राकृतिक सौंदर्य एवं शांत वातावरण

मंदिर चारों ओर से हरियाली और पहाड़ों से घिरा हुआ है, जो भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।

फाउंडेशन का सेवा केंद्र

मंदिर परिसर में *फाउंडेशन* द्वारा एक सेवा केंद्र भी संचालित किया जाता है, जहाँ जरूरतमंदों को चिकित्सा, शिक्षा और सामाजिक सहायता दी जाती है।

भक्तों के लिए सुविधाएँ

मंदिर प्रशासन भक्तों की सुविधा हेतु विभिन्न व्यवस्थाएँ प्रदान करता है:

भोजन एवं प्रसाद व्यवस्था

मंदिर में समय-समय पर भंडारे का आयोजन किया जाता है, जहां श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन प्रसाद वितरित किया जाता है। अन्नदान सेवा के माध्यम से भक्त अपनी ओर से भी सेवा प्रदान कर सकते हैं।

स्वच्छता और सफाई की विशेष व्यवस्था

मंदिर प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है। नियमित सफाई अभियान और कूड़ेदान की व्यवस्था मंदिर को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखती है।

बैठने की व्यवस्था

मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के आराम हेतु बैठने की उचित व्यवस्था की गई है। खासकर बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए यह सुविधा अत्यंत उपयोगी है।

ध्यान और विशेष पूजा स्थल

जो भक्त ध्यान और विशेष अनुष्ठान करना चाहते हैं, उनके लिए मंदिर में एक शांतिपूर्ण स्थान निर्धारित किया गया है। यहां भक्त शिव आराधना, मंत्र जाप और ध्यान कर सकते हैं।

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मंदिर में प्रमुख त्यौहार एवं आयोजन

महाशिवरात्रि महोत्सव

शिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और आध्यात्मिक पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है, लेकिन फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि विशेष महत्व रखती है। इस दिन श्रद्धालु उपवास रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करते हैं। शिव पुराण के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। भक्तजन इस दिन रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर मोक्ष, सुख और शांति की कामना करते हैं।

सावन मास की पूजा

श्रावण मास में विशेष पूजा एवं जलाभिषेक का आयोजन किया जाता है, जिसमें भक्तगण गंगा जल, दूध, और बेलपत्र अर्पित करते हैं।

सावन मास की पूजा

सावन मास हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित अत्यंत पावन माह माना जाता है। इस मास में भक्त विशेष रूप से शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, फल-फूल आदि अर्पित करते हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखा जाता है और शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक व शिव महिमा का गुणगान किया जाता है। कांवड़ यात्रा भी इसी माह में होती है, जिसमें भक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस मास में की गई पूजा और उपवास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होते हैं और मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा उत्सव

कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक पवित्र और विशेष पर्व है, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन देवता पृथ्वी पर दीप जलाते हैं। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, व्रत और भगवान विष्णु तथा भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। वाराणसी सहित कई तीर्थ स्थलों पर दीपों से घाटों को सजाया जाता है। लोग मंदिरों में दर्शन कर, दान-पुण्य कर और भजन-कीर्तन करके इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं।

नाग पंचमी

इस दिन भगवान शिव के प्रिय नागों की विशेष पूजा की जाती है और भक्तजन मंदिर में आकर अभिषेक करते हैं।

नाग पंचमी

नाग पंचमी हिंदू धर्म में नाग देवताओं की पूजा का पावन पर्व है, जो श्रावण मास की शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग नागों की पूजा कर उन्हें दूध, धूप, चावल, फूल और मीठा अर्पित करते हैं। घरों की दीवारों पर नाग चित्र बनाकर पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर पूजा करने से सर्प दोष, कालसर्प योग और सर्प भय से मुक्ति मिलती है। यह पर्व प्रकृति, जीव-जंतुओं और नाग देवता के प्रति आभार और श्रद्धा प्रकट करने का प्रतीक है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन मेलों का आयोजन भी होता है।

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फाउंडेशन के तहत दान एवं सहयोग

मंदिर में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार दान एवं सहयोग कर सकते हैं। यह दान धार्मिक एवं सामाजिक सेवाओं के लिए उपयोग किया जाता है, जैसे भंडारा आयोजन, मंदिर निर्माण एवं रखरखाव, शिक्षा एवं चिकित्सा सहायता* आदि।
यदि आप श्री उत्पतेश्वर महादेव फाउंडेशन को सहयोग देना चाहते हैं, तो मंदिर कार्यालय में संपर्क करें या आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन दान करें।